सरपंच और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से की पर्यटन विकास की मांग, रोजगार के अवसर की उम्मीद
श्रेयांश सिंह:खैरागढ़/छुईखदान –
जिला मुख्यालय से सटा ग्राम पंचायत कटंगी कला, जहां वर्षों से आस्था और प्रकृति एक साथ बसे हैं, अब पर्यटन की दृष्टि से पहचान बनाने को तैयार है। पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मांग की है कि ग्राम में स्थित “मोतीबाबा मंदिर” एवं प्राचीन बांध-माड़ा (गुप्ता बांध) को पर्यटन स्थल घोषित किया जाए, ताकि यहां की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य को पहचान मिल सके।
ग्राम पंचायत द्वारा जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि यह क्षेत्र खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की पहाड़ियों के बीच स्थित है, जहां मोतीबाबा मंदिर में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। विशेष रूप से नवरात्रि के समय तीन दिवसीय मेला आयोजित होता है, जो आसपास के गांवों का प्रमुख धार्मिक व सामाजिक केंद्र बन चुका है।
वहीं पास ही स्थित गुप्त बांध (माड़ा) एवं आसपास का जंगल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जो वर्षों से लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसके बावजूद अब तक इस स्थल को पर्यटन की आधिकारिक सूची में स्थान नहीं मिला है।
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामवासियों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को ज्ञापन सौंपकर अनुरोध किया है कि अधिकारी स्वयं स्थल का निरीक्षण करें और इसे पर्यटन स्थल घोषित करने की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करें।
सरपंच जानकी तुलसाय साहू ने कहा कि —
“यह क्षेत्र न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यहां पर्यटन को बढ़ावा देकर गांव के लोगों को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं।”
क्या होगा फायदा?
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत को मिलेगा संरक्षण
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