श्रेयांश सिंह / खैरागढ़ – इंदौर के वर्ल्ड फेमस चिकित्सक डॉ अर्पित चोपड़ा जैन पहली बार सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी का कॉन्सेप्ट लेकर आए थे। उनका यह कॉन्सेप्ट जटिल रोगों के निदान में बेहद कारगर साबित हुआ है, जिसका फायदा हजारों, लाखों लोगों तक पहुंच चुका है। असल मायनों में उन्होंने होम्योपैथी को नया रूप देते हुए इस फील्ड की दशा और दिशा दोनों बदल दी है। डॉ चोपड़ा का कहना है कि होम्योपैथी का आविष्कार जरूर जर्मनी में हुआ है, मगर यह भारतीय क्रांतिकारी, आरोग्य सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति विश्व के स्वास्थ्य पटल पर भारत का नाम सुनहरे अक्षरों में अवश्य दर्ज करवाएगी।
आरोग्य सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी है, इंडिया का बनाया हुआ ‘फ्यूचर ऑफ होम्योपैथी’
भारत ने हमेशा से ही दुनिया को इनोवेशन दिया है। होम्योपैथी के क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से डॉ अर्पित चोपड़ा यह बीड़ा उठाए हुए हैं। डॉ अर्पित का मानना है कि जो ‘सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी’ है वह इंडिया का बनाया हुआ ‘फ्यूचर ऑफ होम्योपैथी’ है। हम 3 हजार मरीजों का डेटा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और वर्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन तक पहुंचा रहे हैं। यकीनन यह विश्व भर में होम्योपैथी के आविष्कार के लिए जाना जाएगा।
रिसर्च के आधार पर होम्योपैथी चिकित्सा को दिया नया आयाम
डॉ अर्पित 2011 से मॉडर्न थेरेपी के द्वारा क्रिटिकल केस को ट्रीट करते हुए अब तक हजारों मरीजों को लाभान्वित कर चुके हैं। अपनी सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी के द्वारा वह 300 से ज्यादा पुराने और गंभीर रोगों का इलाज कर चुके हैं। मॉर्डन थेरेपी की मदद से उन्होंने सभी प्रकार की अवस्था में कैंसर, गंभीर किडनी फेलियर, कोमा, अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती मरीज, सर्जरी योग्य रोग, ऑटो इम्यून रोग, अप्लास्टिक एनीमिया, असाध्य मानसिक रोग सहित जीवन भर दवाई लेने वाले रोगों की रोकथाम और अन्य कई गंभीर बीमारियों में राहत प्रदान की है। डॉ अर्पित ने अपने 21 वर्षों के चिकित्सकीय अनुभव और रिसर्च के आधार पर क्लासिकल होम्योपैथी चिकित्सा को नया आयाम देते हुए भविष्य की होम्योपैथी, आरोग्य सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का आविष्कार किया है.
वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित पद्धति
डॉ अर्पित का कहना है आरोग्य सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी की सबसे महत्वपूर्ण बात इसकी तीव्र रोग निवारण प्रक्रिया है। यह परंपरागत होम्योपैथी से ज्यादा कारगर है, जिसमें मरीज की पैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर उसका डोज तय कर वैज्ञानिक पद्धति से इलाज किया जाता है। आधुनिक होम्योपैथी में मौजूद 4000 से अधिक औषधियां और 0 पोटेंसी से लेकर 50 लाख पोटेंसी तक उच्च शक्ति वाली दवाइयां किसी भी प्रकार के रोग की तय समय में खत्म करने के लिए कारगर साबित हो रही है। यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित भी है।
सम्मान और उपलब्धियां
- हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड इन होम्योपैथी क्रिटिकल एंड सर्जिकल डिजीज स्पेशलिस्ट 2018
- हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड इन मॉडर्न होम्योपैथी मेडिकल एंड सर्जिकल डिजीज स्पेशलिस्ट 2019
- भगवान महावीर सकल श्री जैन संघ गौरव अवार्ड 2019
- अचीवमेंट टू डिवेलप ट्रीटमेंट फॉर पेशेंट्स विद डायबिटीज मेलिटस वर्ल्ड वाइड नोवो नॉर्डिस्क लंदन 2015
- एक्सीलेंस इन पलमोनरी फंक्शन टेस्ट इन बघट एलोग्राफ्ट मेड ग्राफिक्स स्विजरलैंड 2007
जैन समता संघ रत्न पुरस्कार छत्तीसगढ़ 2009
मानव अधिकार Certificate of Appreciation for Covid 19 Fighter 2021
ब्रिक्स इंटरनेशनल एम्बेसडर ऑफ होम्योपैथी अवार्ड-2024
USA में डॉक्टरेट डिग्री से भी सम्मानित हुए है डॉ अर्पित चोपड़ा बिक्स देशों के लिए भारत की ओर से होम्योपैथी को रिप्रेजेंट कर रहे हैं
ऑनलाइन कंसल्टेशन और जागरूकता कार्यक्रम
लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए डॉ अर्पित लगातार प्रयासरत है ताकि हर मरीज की किफायती दर में बेहतर इलाज मिल पाएं। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर साढ़े तीन हजार से ज्यादा वीडियो अपलोड किए हैं, जिनमें जटिल रोगों की सफल इलाज पर केस स्टडी पेश की गई है। इस थेरेपी की जानकारी हर एक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए डॉ अर्पित व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा 65,000 से अधिक लोगों के साथ अपने केसेस शेयर करते हैं, जिससे लोगो के मन में आरोग्य सुपर स्पेशलिटी मॉडर्न होम्योपैथी के प्रति विश्वास बढ़ें और उन्हें आसानी से इलाज उपलब्ध हो सके। यही कारण है कि आज 19 देशों के मरीज उनसे जटिल रोगों के लिए ऑनलाइन कंसल्टेशन ले रहे हैं।
पाठकों को बता दें कि डॉ अर्पित चोपड़ा जैन मूलतः छत्तीसगढ़ के संगीत नगरी खैरागढ़ के निवासी हैं व प्रतिष्ठित समाजसेवी गुलाब चोपड़ा के पुत्र है।
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