16 जुलाई को जिलों में रैली, 22 अगस्त को प्रदेश बंद का आह्वान
श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए “मोदी की गारंटी” लागू करने की माँग को लेकर बड़े आंदोलन की घोषणा की है। फेडरेशन ने 16 जुलाई 2025 को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों और ब्लॉकों में ‘वादा निभाओ रैली’ आयोजित करने और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है। यदि माँगों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो 22 अगस्त को राज्यव्यापी “कलम बंद – काम बंद” हड़ताल की जाएगी।
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने कहा,
“फिर एक बार कलम रख, मशाल उठा की दरकार है। सरकार ‘मोदी की गारंटी’ लागू करे।”
क्या है ‘मोदी की गारंटी’ ?
2023 विधानसभा चुनाव के पूर्व कर्मचारियों से किए गए वादों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- केन्द्र के समान DA/DR लागू करना
- लंबित एरियर्स का GPF में समायोजन
- संविदा, दैनिक वेतनभोगी, अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
- वेतन विसंगति दूर करने हेतु पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करना
- सहायक शिक्षकों और लिपिक वर्ग की वेतन विसंगति का समाधान
- पंचायत सचिवों का शासकीयकरण
- मितानिनों, रसोईया, सफाई कर्मचारियों के मानदेय में 50% वृद्धि
फेडरेशन का कहना है कि चुनाव के पूर्व इन वादों को सार्वजनिक मंचों से दोहराया गया था, लेकिन सरकार गठन के बाद इन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।
22 अगस्त को प्रदेश बंद, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
फेडरेशन के जिला संयोजक प्रखर शरण सिंह ने कहा कि यदि सरकार ने माँगें नहीं मानीं तो 22 अगस्त को प्रदेश के सभी कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर कार्यबहिष्कार करेंगे। इसके बाद भी यदि सरकार मौन रही तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की रणनीति अपनाई जाएगी।
11 सूत्रीय माँग पत्र सौंपा गया
फेडरेशन ने राज्य सरकार को 11 सूत्रीय माँग पत्र सौंपा है जिसमें शामिल हैं:
- चार स्तरीय समयमान वेतनमान
- अर्जित अवकाश सीमा 240 से बढ़ाकर 300 दिन करना
- सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान
- शासकीय सेवकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा
- रैली में होंगे ये प्रमुख चेहरे
आंदोलन को सफल बनाने में जुटे प्रमुख प्रखर शरण सिंह अजय श्रीवास्तव, दिलीप सिंह बैंस, ध्रुव कुमार सोनी, राजेंद्र देशलहरा, जितेंद्र सिंह, विनोद कुमार सिंह, और सगीर कुरैशी समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
कर्मचारी संगठनों ने एक स्वर में राज्य सरकार से वादा निभाने की माँग की है और चेतावनी दी है कि यदि अब भी अनदेखी हुई तो यह आंदोलन और व्यापक होगा।
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