श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
भिलाई में आगामी 20 जुलाई को आयोजित होने वाली जबर हरेली रैली की तैयारियाँ पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। यह रैली छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का सिग्नेचर कार्यक्रम बन चुका है, जो लगातार आठवें वर्ष आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन राज्य की संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।
हरेली – छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक कैलेंडर की पहली भव्य झलक
छत्तीसगढ़ में धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से हरेली त्यौहार का विशेष महत्व है। यह त्यौहार राज्य के सांस्कृतिक कैलेंडर का पहला पर्व है, जिसे छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना हर साल बड़े उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाती है। भिलाई में होने वाली रैली को प्रदेश के सबसे प्रमुख और विशालतम आयोजनों में गिना जाता है।
रैली में छत्तीसगढ़ी कला का भव्य प्रदर्शन
यह एक दिवसीय रैली छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत की सजीव झांकी बन जाती है। रैली में बस्तरिहा मांदरी, सुवा, पंथी, करमा, गेड़ी, अखाड़ा, राऊत नाचा, डंडा नृत्य जैसी लोक कलाएं देखने को मिलेंगी। सैकड़ों लोक कलाकार इन कलाओं के साथ दस किलोमीटर की यात्रा करेंगे, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को समर्पित झांकियां
इस वर्ष रैली में छत्तीसगढ़ महतारी और महापुरुषों की झांकी आकर्षण का केंद्र रहेंगी। साथ ही राज्य की राजभाषा छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई-लिखाई और दफ्तरों में उपयोग को लेकर एक चलित झांकी प्रस्तुत की जाएगी, जो इस आयोजन की विशेष पहचान बनेगी।
धार्मिक पूजन, महा आरती और छत्तीसगढ़ी व्यंजन का वितरण
रैली का समापन दशहरा मैदान में होगा, जहां हल और कृषि औजारों की पूजा की जाएगी। इसके पश्चात छत्तीसगढ़ महतारी की महाआरती की जाएगी और गुड़ के चीले, ठेठरी-खुरमी का महाप्रसाद वितरित किया जाएगा।
पंडवानी और रंगमंच से सजेगी सांस्कृतिक संध्या
कार्यक्रम के सांयकालीन सत्र में विश्वविख्यात पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा अपनी प्रस्तुति देंगी। रात्रिकालीन कार्यक्रम में दुष्यंत हरमुख के निर्देशन में “रंगझरोखा” नामक छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक मंच का रंगारंग प्रदर्शन होगा।
खैरागढ़ में क्रांति सेना की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न
इस आयोजन की रूपरेखा तय करने हेतु सोमवार को छत्तीसगढ़ महतारी चौक, खैरागढ़ में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की बड़ी बैठक आयोजित हुई, जिसमें जिले के सभी पदाधिकारी एवं सेनानी उपस्थित रहे।
जिला संयोजक राकेश साहू ने 20 जुलाई रविवार को संपूर्ण छत्तीसगढ़वासियों से पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में सपरिवार रैली में शामिल होने का आह्वान किया।
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