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सीमेंट प्लांट विवाद पर कंपनी की सफाई—कानूनी सीमा में ही खनन-डम्पिंग; प्रशासन बोला—जनसुनवाई में ही मिलेगा समाधान

 

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श्रेयांश सिंह:खैरागढ़

प्रस्तावित सीमेंट प्लांट को लेकर बढ़ रहे विरोध के बीच श्री सीमेंट कंपनी ने सोमवार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर खनन, भूमि उपयोग, पर्यावरण सुरक्षा और रोजगार अवसरों पर विस्तृत जानकारी साझा की। कंपनी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि खनन की अधिकतम गहराई 30 मीटर होगी तथा डम्पिंग पूरी तरह 404 हेक्टेयर की लीज़ सीमा के भीतर ही की जाएगी। “लीज क्षेत्र के बाहर वेस्ट डालना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है और कंपनी ऐसी किसी गतिविधि की अनुमति नहीं देगी,” कंपनी का दावा रहा।

प्रेस वार्ता में कंपनी की ओर से कॉर्पोरेट जोनल हेड रवि तिवारी और छत्तीसगढ़ हेड प्रमोद दुबे मौजूद रहे। प्रशासनिक पक्ष से कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रावाल, जिला पंचायत CEO प्रेम कुमार पटेल और खनिज अधिकारी इंद्रलाल उपस्थित थे।

प्रशासन का रुख: “जनसुनवाई ही सबसे बड़ा समाधान मंच”

कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रावाल ने कहा कि परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार और विकास के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा—

“ग्रामीणों की सभी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। कुछ लोग बिना तथ्य के भ्रम फैला रहे हैं, जबकि वास्तविक मुद्दों पर खुली बातचीत जरूरी है।”

11 दिसंबर की प्रस्तावित जनसुनवाई को रद्द करने की मांग पर कलेक्टर ने कहा—

“मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन जनसुनवाई ही वह मंच है जहाँ ग्रामीण सीधे प्रशासन और विशेषज्ञों से अपनी बात रख सकते हैं।”

  "मोर गांव-मोर पानी" अभियान की शुरुआत: जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पर बल

जमीन और रोजगार की स्थिति

अब तक 180 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पूर्ण

20 एकड़ भूमि एग्रीमेंट प्रक्रिया में

138 प्रत्यक्ष रोजगार, जबकि ठेका व सप्लाई चेन में लगभग 1,200 अवसर

कुल मिलाकर लगभग 8–10 हजार लोगों तक रोजगार प्रभाव

भर्ती में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता

पर्यावरण और जल उपयोग की योजनाएँ

प्रारंभिक तीन वर्षों तक सीमित भू-जल उपयोग की अनुमति

खनन पिट को आगे चलकर मिट्टी भरकर पुनर्स्थापित किया जाएगा या जलाशय/टैंक के रूप में विकसित किया जाएगा

धूल नियंत्रण के लिए नियमित पानी छिड़काव, सड़क रखरखाव और वृहद पौधारोपण

CSR व DMF फंड से शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचा विकास

सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था

बाहरी श्रमिकों पर नियंत्रण और पंजीयन

कॉलोनी और सुरक्षा व्यवस्था नियमानुसार

स्थानीय समुदाय के साथ नियमित बैठकें और पारदर्शिता का आश्वासन

अब नज़रें 11 दिसंबर पर

6 दिसंबर के उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन 11 दिसंबर की जनसुनवाई किस स्वरूप में आयोजित करेगा, यह सबसे बड़ा सवाल है।

क्या प्रशासन ग्रामीणों को सहमत कर पाएगा या फिर विरोधी समूहों के अनुसार आंदोलन और अधिक तीव्र होगा—यह आने वाला समय ही तय करेगा।

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About श्रेयांश सिंह - ब्यूरो चीफ ( के.सी.जी. )

मैं श्रेयांश सिंह, खैरागढ़ निवासी हूं। पत्रकारिता में मुझे 10 वर्षों का अनुभव है। वर्तमान में मैं के.सी.जी. (KCG) में ब्यूरो चीफ के पद पर कार्यरत हूं। समाज से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से उठाना और निष्पक्ष पत्रकारिता करना मेरा उद्देश्य रहा है। जनहित के प्रति मेरी प्रतिबद्धता ने मुझे क्षेत्र में एक विश्वसनीय पहचान दिलाई है।

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