श्रेयांश सिंह:खैरागढ़/कोड़ेनवागांव –
श्रावण मास के पावन अवसर पर खैरागढ़ अंचल में सोमवार को भक्ति, उत्साह और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम देखने को मिला। गंगाधर कांवड़ यात्रा समिति, खैरागढ़ के तत्वावधान में आयोजित भव्य कांवड़ यात्रा में हजारों शिवभक्तों की भागीदारी रही। यह यात्रा सुबह 11 बजे नर्मदा कुंड मुस्का से प्रारंभ होकर दोपहर 2 बजे खंडेश्वर महादेव मंदिर, कोड़ेनवागांव पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का पवित्र जल से जलाभिषेक कर क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की।
‘बोल बम’ के जयघोष से गुंजायमान रहा वातावरण
सुबह से ही श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। भगवा वस्त्रों में, कंधों पर सजी हुई कांवरें उठाए, शिवभक्त नर्मदा जल लेने नर्मदा कुंड पहुंचे। जैसे ही यात्रा प्रारंभ हुई, ‘हर हर महादेव’, ‘बोल बम’ और ‘बम-बम भोले’ के नारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। ढोल-नगाड़ों, भक्ति गीतों और नृत्य से पूरे मार्ग का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति से बढ़ी आयोजन की भव्यता
इस विशाल धार्मिक आयोजन में खैरागढ़ अंचल के कई प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
मुख्य रूप से जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, जनपद अध्यक्ष राजेश्री त्रिपाठी, नगर पालिका अध्यक्ष गिरजा नंद चंद्राकर, जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ. बिसेसर साहू, पूर्व जिला पंचायत सभापति घम्मन साहू, जिला पंचायत सदस्य दिनेश वर्मा और अरुणा सिंह बनाफर, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष गोरेलाल वर्मा, जनपद सदस्य सरस्वती यदु और सेवा सहकारी समिति पांडादाह अध्यक्ष पंकज सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विक्रांत सिंह ने समस्त क्षेत्रवासियों से इस पुण्य अवसर पर भाग लेकर शिव कृपा प्राप्त करने की अपील की।
यात्रा मार्ग बना सेवा और श्रद्धा का प्रतीक
यात्रा मुस्का, दाउचौरा, बस स्टैंड, इटवारी बाजार, बख्शी मार्ग, गोल बाजार, अंबेडकर चौक, पुलिस थाना, सिविल लाइन, होते हुए कोड़ेनवागांव पहुंची। मार्ग में जगह-जगह फल, जल, शीतल पेय और विश्राम की व्यवस्था की गई थी। महिला समूहों और युवाओं ने श्रद्धालुओं के स्वागत में पूरा समर्पण भाव दिखाया।
खंडेश्वर महादेव मंदिर में हुआ जलाभिषेक और सामूहिक आरती
खंडेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा से लाया गया पवित्र जल शिवलिंग पर अर्पित किया। सामूहिक आरती, शंखध्वनि, और घंटियों की गूंज ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। कई श्रद्धालु भावविभोर होकर भजन-कीर्तन में शामिल हुए।
सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक समरसता की मिसाल
यह कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता, जनसहभागिता और सेवा भाव की मिसाल बन गई। आयोजन में युवाओं, महिलाओं और जनप्रतिनिधियों की एकजुटता ने यह सिद्ध कर दिया कि जब श्रद्धा और सहयोग साथ हों, तो आयोजन ऐतिहासिक और प्रेरणादायी बनते हैं।
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