श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य था कि हर ग्रामीण परिवार को नल से शुद्ध पेयजल मिले, लेकिन ग्राम पंचायत करमतरा में यह सपना अब तक अधूरा है। गांव में पानी की टंकी तो बन गई, लेकिन नई पाइपलाइन नहीं बिछाई गई। पुरानी पाइपलाइन से कुछ कनेक्शन जोड़े गए, मगर लोगों के घरों तक आज तक पानी नहीं पहुंचा।
इस कारण ग्रामीणों को अब भी एकमात्र बोरवेल से पानी लेना पड़ता है। गर्मियों में जलस्तर गिरने से हालात और खराब हो जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
ठेकेदार और अफसर दोनों गायब
गांव वालों का कहना है कि निर्माण कार्य के बाद से ना ठेकेदार लौटा और ना कोई अधिकारी देखने आया।
सरपंच चंद्रिका सिवारे ने बताया, “हमने कई बार ठेकेदार से संपर्क किया। उसने कहा दूसरा बोर करना होगा, लेकिन उसके बाद वो कभी लौटा ही नहीं।”
उपसरपंच त्रिभुवन वर्मा ने कहा, “छह महीने से हम ठेकेदार को फोन कर रहे हैं। हर बार वो कहता है कि ‘कल से काम शुरू होगा’, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।”
ठेकेदार की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि काम शुरू होने से पहले सूचना बोर्ड तक नहीं लगाया गया, जिससे गांव के लोगों को भी सही जानकारी नहीं मिली।
ग्रामसभा में उठी आवाज, कलेक्टर से शिकायत
गांव में पानी की समस्या बढ़ती देख सरपंच और पंचों ने ग्रामसभा में मुद्दा उठाया और फिर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
कलेक्टर ने पीएचई विभाग के अफसरों को तुरंत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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