श्रेयांश सिंह : खैरागढ़ – राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए घरेलू बिजली दरों में की गई वृद्धि को लेकर खैरागढ़ में राजनीतिक विरोध तेज हो गया है। विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि “महंगाई से जूझ रही जनता को राहत देने की बजाय राज्य सरकार ने बिजली दरों में इजाफा कर जनता के कंधों पर आर्थिक बोझ और बढ़ा दिया है।”
यूनिट दरों में सीधी बढ़ोतरी, जेब पर असर
देवांगन ने बताया कि बिजली दरों में 10 पैसे से लेकर 20 पैसे प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा—
पहले 100 यूनिट पर दर 3.90 रुपये थी, जो अब 4.10 रुपये कर दी गई है।
200 यूनिट पर 4.10 से बढ़कर 4.20,
400 यूनिट पर 5.50 से बढ़कर 5.60 और
600 यूनिट पर 6.50 की जगह अब 6.60 रुपये प्रति यूनिट वसूले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह वृद्धि सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर भारी असर डालेगी, खासकर उन परिवारों पर जो पहले ही महंगाई की मार झेल रहे हैं।
बिजली कटौती से नाराज जनता—मोमबत्ती और मोबाइल से काम
स्थानीय उपभोक्ता दीपक देवांगन ने कहा कि “समय पर मीटर रीडिंग नहीं होती, बिलों में गड़बड़ी आम बात हो गई है, और अब दरें भी बढ़ा दी गई हैं। इससे आमजन की परेशानी दोगुनी हो गई है।”
खैरागढ़ क्षेत्र में केवल दरें ही नहीं बढ़ीं बल्कि बिजली की लगातार कटौती ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
छात्र मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं।
दुकानदार मोबाइल की टॉर्च में सामान बेच रहे हैं।
बुजुर्ग और बच्चे गर्मी और उमस में बेहाल हैं।
जनता सवाल कर रही है कि क्या सरकार उन्हें अंधेरे में रखने की नीति पर चल रही है? सरकारी दफ्तरों और वीआईपी इलाकों में 24 घंटे बिजली, जबकि आम जनता घंटों की कटौती झेल रही है।
बिजली विभाग से सिर्फ बहाना—”लाइन में फॉल्ट है”
स्थानीय उपभोक्ताओं ने बताया कि जब बिजली विभाग से संपर्क किया जाता है, तो हर बार एक ही जवाब मिलता है— “लाइन में फॉल्ट है, सुधार कार्य चल रहा है।” लेकिन यह फॉल्ट महीनों से सुधर ही नहीं रहा।
लोगों में यह आशंका है कि यह कोई तकनीकी समस्या नहीं बल्कि राजनीतिक प्राथमिकता का परिणाम है, जहां आम जनता की परेशानी को नजरअंदाज किया जा रहा है।
देवांगन की चेतावनी—“सड़क पर उतरेंगे”
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि “यदि बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी जल्द ही वापस नहीं ली गई, तो हम सड़क पर उतरकर जोरदार आंदोलन करेंगे।”
उन्होंने कहा कि आमजन के हक की लड़ाई अब तेज़ होगी और जनता की आवाज़ को दबाने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिजली दरों में वृद्धि और कटौती की समस्या को लेकर खैरागढ़ में जनता और जनप्रतिनिधियों का आक्रोश अब खुलकर सामने आने लगा है। देखना होगा कि सरकार इस जनविरोध को कितनी गंभीरता से लेती है।
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