श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
खैरागढ़ का गौरव और खिलाड़ियों के स्वर्णिम सपनों की ज़मीन रहा राजा फतेह सिंह खेल मैदान आज बदहाली और अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुका है। मैदान की दुर्दशा ऐसी है कि खिलाड़ी यहां खेलने से कतराने लगे हैं। गड्ढों, कीचड़, टूटी शराब की बोतलों है बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने इस मैदान को खेल का केंद्र नहीं, बल्कि खतरों का अड्डा बना दिया है।
शाम ढलते ही शराबियों का अड्डा, सुबह घायल खिलाड़ी
हर दिन सुबह जब खिलाड़ी मैदान में पहुंचते हैं तो टूटे कांच के टुकड़े उनके पैरों को लहूलुहान कर देते हैं। बरसात और तेज़ धूप में छांव तक की कोई व्यवस्था नहीं। महिला खिलाड़ियों के लिए कपड़े बदलने की जगह नहीं, जिससे उन्हें शर्मिंदगी और असहजता का सामना करना पड़ता है। टीनशेड, शौचालय और पीने के पानी की सुविधाएं पूरी तरह नदारद हैं।
मनराखन देवांगन का तीखा सवाल – “क्या ऐसे तैयार होंगे हमारे भविष्य के खिलाड़ी?”
मिशन संडे टीम के संयोजक और विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने मैदान की हालत पर नाराजगी जताते हुए कहा,
खैरागढ़ से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं, लेकिन आज हालत ये है कि वही फतेह मैदान उन्हें डराने लगा है। प्रशासन को कई बार शिकायत दी गई, मगर अब तक सिर्फ आश्वासन मिले, काम नहीं।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार कार्य नहीं हुआ तो खिलाड़ियों और खेलप्रेमियों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
खिलाड़ियों की हिम्मत मत तोड़िए, उनकी आवाज़ सुनिए और मैदान की इज्जत बचाइए।”
बेसरम का पौधा लगाकर जताया प्रतीकात्मक विरोध
मैदान की दुर्दशा को लेकर प्रतीकात्मक विरोध करते हुए मनराखन देवांगन ने फतेह मैदान में ‘बेसरम’ का पौधा लगाया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा –
खाद की ऐसी किल्लत है कि चाहकर भी खेती नहीं कर सकते, इसलिए बेसरम ही ठीक है। सरकार न मैदान सुधार पा रही, न किसानों को खाद दे पा रही।”
नगर पालिका पर गंभीर आरोप, पारदर्शिता पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन ने नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि
भाजपा नेताओं के आते ही लाखों रुपये बिना टेंडर खर्च हो जाते हैं, लेकिन आम जनता और खिलाड़ियों की ज़रूरतें अनदेखी रहती हैं। पटाखा दुकानों से पालिका को राजस्व तो मिलता है, लेकिन पैसा कहां जा रहा है, कोई नहीं जानता।”
उन्होंने चेतावनी दी कि
अगर हालात नहीं सुधरे तो पालिका कार्यालय में ताला लगाकर, वहीं बेशरम का फूल लगाकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
ज्ञापन सौंपा गया, बेशरम का फूल भी सौंपा गया
प्रदर्शनकारियों ने नगर पालिका के सब इंजीनियर शाहबाज अहमद को ज्ञापन सौंपते हुए बेशरम का फूल भी भेंट किया।
इस विरोध में दीपक देवांगन के साथ रविन्द्र सिंह गहेरवार, पूरन सारथी, भरत चंद्राकर, महेश यादव, सूरज देवांगन, राजा लहरे, राहुल बंजारे समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
मिशन संडे की मांग
- मैदान के गड्ढों की तत्काल मरम्मत
- महिला खिलाड़ियों के लिए कपड़े बदलने की व्यवस्था
- शौचालय और पीने के पानी की सुविधा
- टीनशेड दर्शकों के लिए छांव
- मैदान को नशामुक्त घोषित करना
खिलाड़ियों ने खुद उठाया जिम्मा
मैदान में हुए गड्ढों की वजह से रोजाना मैदान में खेलने आने वाले खिलाड़ी कई दिनों तक इस उम्मीद में रहे कि प्रशासन मैदान की दुर्दशा सुधारने कोई पहल करेगा। लेकिन जब प्रशासन ने कोई पहल नहीं की तो खिलाड़ी खुद रापा-धमेला लेकर मैदान पहुंचे और बड़े-बड़े गड्ढों को भरने लगे, गिट्टियों को हटाने लगे। खिलाड़ियों का कहना है कि मैदान को सुरक्षित और खेल योग्य बनाना प्रशासन का काम है, लेकिन मजबूरी में उन्हें ही यह जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है।
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