श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
खैरागढ़ की राजनीति में कांग्रेस संगठन और मिशन संडे टीम के बीच बढ़ता टकराव अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। दोनों पक्षों की प्रेस वार्ताओं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले से माहौल गरमाता जा रहा है। पिछले तीन दिनों से चल रही यह सियासी जंग अब व्यक्तिगत आरोपों और संगठनात्मक सवालों तक पहुंच गई है।
सोमवार को कांग्रेस संगठन की ओर से एक प्रेस वार्ता कर मिशन संडे से किसी भी तरह का आधिकारिक संबंध न होने की बात साफ की गई। संगठन ने मिशन संडे पर अवैध वसूली और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जनता को सावधान रहने की अपील की। इसके साथ ही मिशन संडे के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि यह टीम कांग्रेस के नाम का दुरुपयोग कर रही है।
इसके जवाब में मंगलवार को मिशन संडे टीम के संयोजक मनराखन देवांगन ने कड़ा पलटवार किया। देवांगन ने कांग्रेस संगठन के आरोपों को पूरी तरह निराधार और राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि –
अगर मेरे या मिशन संडे पर वसूली या ब्लैकमेलिंग का कोई सबूत है, तो उसे सार्वजनिक किया जाए। बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह न किया जाए।
देवांगन ने संगठन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री से वर्तमान पदाधिकारियों को हटाने की मांग भी कर डाली। साथ ही उन्होंने ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आकाशदीप सिंह गोल्डी पर समितियों में नियुक्तियों के नाम पर वसूली करने का सीधा आरोप लगाया।
बुधवार को नया मोड़ – मिशन संडे टीम के तीन सदस्य सामने आए
बुधवार को घटनाक्रम में बड़ा बदलाव आया, जब मिशन संडे टीम के तीन सक्रिय सदस्य सूर्यकांत यादव, महेश यादव और रविंद्र सिंह गहरवार मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि वे नगर के विकास और स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए मिशन संडे से जुड़े हैं।
इन सदस्यों ने साफ किया कि –
आकाशदीप सिंह पर लगाए गए आरोप मनराखन देवांगन के निजी विचार हैं। टीम के रूप में हमारी कोई भागीदारी या सहमति नहीं है। मिशन संडे का मकसद सिर्फ विकास कार्यों को आगे बढ़ाना है।”
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि मिशन संडे टीम के भीतर भी मतभेद और आंतरिक खींचतान शुरू हो गई है।
आकाशदीप सिंह का पलटवार – सबूत हैं तो पेश करें
इसी बीच ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आकाशदीप सिंह गोल्डी ने भी पलटवार किया। उन्होंने देवांगन के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा
मनराखन देवांगन को बोलने से पहले सोच-समझकर बयान देना चाहिए। ओछी लोकप्रियता हासिल करने के लिए किसी पर भी आरोप लगाना गलत है। यदि उनके पास कोई सबूत है, तो उसे सामने लाएं और सिद्ध करें। बेबुनियाद बयानबाजी कर जनता को गुमराह न करें।”
अब आगे क्या?
इस पूरे विवाद ने कांग्रेस की स्थानीय राजनीति को हिला कर रख दिया है।
- सोमवार को कांग्रेस संगठन का प्रेस वार्ता,
- मंगलवार को देवांगन का पलटवार और
- बुधवार को मिशन संडे टीम के तीन सदस्यों का बयान…
तीन दिनों में यह मामला संगठनात्मक विवाद से व्यक्तिगत आरोपों तक पहुंच गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह टकराव और बढ़ सकता है और इसमें प्रदेश स्तर की राजनीति भी शामिल हो सकती है।
- संभावित असर
- कांग्रेस संगठन की एकता पर सवाल
- मिशन संडे टीम की आंतरिक स्थिति कमजोर
- जनता में बढ़ी भ्रम की स्थिति
- विपक्ष को मिला हमला करने का मौका
खैरागढ़ की राजनीति में यह सियासी घमासान अभी थमने वाला नहीं दिख रहा।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगला कदम कौन उठाएगा – कांग्रेस संगठन, मिशन संडे टीम या फिर प्रदेश नेतृत्व।
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