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इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में एनईपी 2020 पर त्रिस्तरीय कार्यशाला का आयोजन सत्र 2025-26 से विश्वविद्यालय में लागू होगी नई शिक्षा नीति

श्रेयांश सिंह : खैरागढ़ – इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कैंपस 02 स्थित ऑडिटोरियम में सोमवार 21 जुलाई को प्रातः 11 बजे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रमों को लेकर त्रिस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ. राजेश पांडेय, अपर संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय उच्च शिक्षा दुर्ग रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो.(डॉ.) लवली शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. जी. ए. घनश्याम, संयुक्त संचालक उच्च शिक्षा संचालनालय नवा रायपुर और डॉ. डी. के. श्रीवास्तव, ओएसडी (एनईपी) उच्च शिक्षा संचालनालय नवा रायपुर उपस्थित रहे।

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भारतीय ज्ञान परंपरा को मिलेगा महत्व: डॉ. राजेश पांडेय

मुख्य अतिथि डॉ. राजेश पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता और प्रासंगिकता पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि एनईपी 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा को समाहित किया गया है। इसका मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है।

शिक्षा की दिशा बदलने की मिलेगी स्वतंत्रता: कुलपति

कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. (डॉ.) लवली शर्मा ने कहा कि एनईपी के अंतर्गत शिक्षा पद्धति में लचीलापन होगा। विद्यार्थी अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार शिक्षा की दिशा बदल सकेंगे। इससे शिक्षा के प्रति बच्चों में आत्मविकास और आत्मविश्वास बढ़ेगा।

प्रस्तुतीकरण के माध्यम से दी गई जानकारी

विशेषज्ञ प्रो. डी. के. श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से एनईपी की रूपरेखा और उसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए नीति में कई नवाचार शामिल किए गए हैं।

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भारतीय संस्कृति का समावेश होगा शिक्षा में: डॉ. घनश्याम

संयुक्त संचालक डॉ. जी. ए. घनश्याम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति और परंपरा की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को भारत की जड़ों से जोड़ते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।

अधिष्ठाताओं एवं शिक्षकों की रही सक्रिय सहभागिता

कार्यशाला में प्रो. डॉ. नमन दत्त, अधिष्ठाता संगीत संकाय ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। समापन अवसर पर कुलसचिव डॉ. सौमित्र तिवारी ने आभार व्यक्त किया। कार्यशाला की संयोजिका प्रो. डॉ. मृदुला शुक्ल (अधिष्ठाता कला संकाय) रही।

इस अवसर पर एनईपी नोडल अधिकारी प्रो. डॉ. नमन दत्त, डॉ. लिकेश्वर वर्मा, डॉ. कौस्तुभ रंजन, डॉ. छगेन्द्र उसेण्डी, डॉ. एस. मेदिनी होम्बल, डॉ. दीपशिखा पटेल सहित संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

सत्र 2025–26 से विश्वविद्यालय में लागू होगी एनईपी

कार्यशाला में यह घोषणा की गई कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025–26 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया जाएगा। इसके तहत विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, कला, और ज्ञान परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रमों के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन कराया जाएगा। 

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About श्रेयांश सिंह - ब्यूरो चीफ ( के.सी.जी. )

मैं श्रेयांश सिंह, खैरागढ़ निवासी हूं। पत्रकारिता में मुझे 10 वर्षों का अनुभव है। वर्तमान में मैं के.सी.जी. (KCG) में ब्यूरो चीफ के पद पर कार्यरत हूं। समाज से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से उठाना और निष्पक्ष पत्रकारिता करना मेरा उद्देश्य रहा है। जनहित के प्रति मेरी प्रतिबद्धता ने मुझे क्षेत्र में एक विश्वसनीय पहचान दिलाई है।

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