श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
विधायक यशोदा वर्मा के गृहग्राम देवारीभांट समेत आसपास के इलाकों में दूषित पानी से बीमारी फैलने की स्थिति गहराती जा रही है। बीते तीन दिनों में 40 से अधिक लोग उल्टी-दस्त की चपेट में आ चुके हैं। हालात बिगड़ने पर खैरागढ़ सिविल अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बेड की कमी के चलते कई मरीजों को सिर्फ ओपीडी से दवा देकर घर भेजना पड़ा, जबकि गंभीर मरीजों को राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ा।
बीमारी का कारण – गंदा पानी और टूटी पाइपलाइन
गांव में नल-जल योजना की पाइपलाइन कई जगहों पर नालियों के बीच से गुजर रही है। कई ग्रामीणों ने पाइप में खुद से कनेक्शन जोड़ने के लिए छेद कर दिए हैं, जिससे गंदा पानी सीधे घरों तक पहुंच रहा है। बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए—गांव की गलियां घुटनों तक गंदे पानी से भरी हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
डॉ. पंकज वैष्णव, चिकित्सा अधिकारी, खैरागढ़ सिविल अस्पताल ने जानकारी दी—
जैसे ही देवारीभांट में मरीजों की संख्या बढ़ी, हमने तुरंत स्थानीय उप-स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा शिविर लगाकर इलाज शुरू कर दिया। केवल गंभीर मरीजों को ही खैरागढ़ लाया गया। अब हालात नियंत्रण में हैं। ग्रामीणों को क्लोरीन की गोलियां दी गई हैं और पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।”
विधायक का अस्पताल दौरा, अफसरों पर जताई नाराजगी
बीमारी की खबर मिलते ही विधायक यशोदा वर्मा ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने बच्चों के लिए अलग वार्ड, डस्टबिन की व्यवस्था और मास्क वितरण की व्यवस्था करने को कहा।
विधायक ने पीएचई विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा—
बरसात से पहले ही पानी की टंकी की सफाई और टूटी पाइप लाइनों की मरम्मत हो जानी चाहिए थी। शिकायतों के बावजूद लोग आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, यही लापरवाही अब बीमारी की वजह बन रही है।
अन्य गांवों तक फैला असर
देवारीभांट के अलावा अकरजन, मुंहडबरी, सिंगारघाट और खैरागढ़ नगर के कई वार्ड, खासतौर पर वार्ड नं. 11 किल्लापारा, भी इसकी चपेट में आ गए हैं। यहां से भी बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिनिधियों ने लिया स्थिति का जायजा
इस दौरान विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन, नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन, नीलांबर वर्मा, सूर्यकांत यादव, पूरन सारथी, रवींद्र सिंह गहरवार, भूपेंद्र वर्मा समेत कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
अब नजरें प्रशासन पर टिकीं
जहां स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति काबू में है, वहीं ग्रामीणों का मानना है कि जब तक नालियों और पाइपलाइनों की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होती, तब तक इस तरह की बीमारी का खतरा बना रहेगा। अब देखना होगा कि प्रशासन सुधारात्मक कदम उठाने में कितनी तेजी दिखाता है।
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