श्रेयांश सिंह / खैरागढ़ – ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को नई दिशा देते हुए कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चंद्रवाल ने शुक्रवार को विकासखंड छुईखदान के ग्राम संडी में माँ बम्लेश्वरी महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने समिति की कार्यप्रणाली और महिला पशुपालकों की सहभागिता की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण विकास का अनुकरणीय मॉडल बताया।
2015 में हुई थी समिति की स्थापना
समिति की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी, जिसके अंतर्गत ग्राम की लगभग 200 महिला किसान प्रतिदिन दूध का संग्रहण एवं विक्रय कर रही हैं। देवभोग कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए 1000 लीटर क्षमता वाले चिलिंग प्लांट के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 500 लीटर दूध की बिक्री हो रही है। किसानों को ₹35 प्रति लीटर की दर से भुगतान किया जाता है, जिससे महिलाओं की मासिक आय ₹3000 से ₹5000 तक पहुँच रही है।
उन्नत नस्ल की गायों से हो रही आमदनी में बढ़ोतरी
ग्राम की महिलाओं ने कलेक्टर को बताया कि वे जर्सी, साहीवाल, एचएफ, लाल सिंधी एवं देशी गायों का पालन कर रही हैं। महिला पशुपालक माधुरी जंघेल के घर कलेक्टर ने स्वयं उन्नत नस्ल की गायों का निरीक्षण किया। उनके पास कुल 7 गायें हैं, जिनसे प्रतिदिन लगभग 33 लीटर दूध का उत्पादन होता है। इससे उन्हें प्रतिदिन ₹800 की शुद्ध आय हो रही है और मासिक आमदनी ₹20,000 के करीब पहुँच गई है।
गोबर गैस संयंत्र बना स्वावलंबन का साधन
कलेक्टर ने माधुरी जंघेल के घर में स्थापित गोबर गैस संयंत्र का भी अवलोकन किया, जो देवभोग कंपनी द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर स्थापित किया गया था। यह संयंत्र पिछले सात वर्षों से सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है, जिससे परिवार को घरेलू ईंधन की सतत आपूर्ति होती है और जैविक खाद भी तैयार होती है।
सरकारी भवन की मांग पर मिला आश्वासन
दुग्ध केंद्र के संचालन एवं पशु आहार प्रबंधन के लिए शासकीय भवन की आवश्यकता जताई गई, जिस पर कलेक्टर ने आवश्यक सहायता एवं उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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