श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
प्रदेश में लगातार बढ़ते बिजली बिल और अत्यधिक बिजली कटौती से नाराज जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने आज खैरागढ़ में अंबेडकर चौक पर धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। बड़ी संख्या में पहुंचे पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने घंटों तक धरना देते हुए सरकार और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरना स्थल से प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली, जो शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें सरकार से बिजली दरों में की गई भारी-भरकम बढ़ोतरी को वापस लेने और बिजली आपूर्ति को नियमित करने की मांग की गई।
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि बिना किसी ठोस कारण के बिजली दरों में कई गुना वृद्धि की गई है। पहले की अपेक्षा दोगुने-तिगुने बिल उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे हैं, जिससे आम जनता का घरेलू बजट पूरी तरह चरमरा गया है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार रोजमर्रा का खर्च भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
पार्टी नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे बिजली सरप्लस राज्य में यह स्थिति बेहद शर्मनाक है।
एक तरफ आम जनता को बिजली के ऊंचे बिलों और बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर हसदेव और तमनार जैसे घने जंगलों को उजाड़कर कोयला निकालने वाले उद्योगपतियों को सरकार बिजली में सब्सिडी देती है। उनके करोड़ों के बिजली बिल एक झटके में माफ कर दिए जाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ देश के कई राज्यों को बिजली आपूर्ति करता है, लेकिन यहीं के असली मालिक – आम निवासी – खुद अंधेरे में रहने और बेहिसाब बिल चुकाने को मजबूर हैं।
ज्ञापन के माध्यम से जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने महामहिम से चार प्रमुख मांगें रखीं:
- बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी तत्काल वापस ली जाए।
- बिजली बिल आधा करने के पूर्व चुनावी वादे को लागू किया जाए।
- आम जनता को नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- उद्योगपतियों के बिजली बिल माफ करने और सब्सिडी देने पर तुरंत रोक लगाई जाए।
पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आम जनता के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और बिजली विभाग की होगी।
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