श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
शहर में मानसिक रूप से अस्वस्थ एक युवक की बंद कार में दम घुटने से मौत हो गई। यह युवक
शनिवार को दोपहर या शाम के वक्त वार्ड नंबर 19 में खड़ी एक ग्रैंड विटारा कार में घुस गया था, जो
राजनांदगांव से आई थी और गलती से अनलॉक रह गई थी। युवक का शव रविवार रात करीब 9:00
से 9:30 बजे के बीच कार के मालिक द्वारा देखा गया।
युवक पिछले काफी समय से खैरागढ़ की सड़कों पर घूमता देखा जाता था। वह किसी से बात नहीं
करता था और मानसिक रूप से असंतुलित था। जानकारी के अनुसार, पूर्व में वह कभी घरों में घुसने
और मंदिरों में अनुचित गतिविधियों में भी लिप्त रहा था।
रविवार रात जब कार मालिक ने गाड़ी खोली, तो युवक मृत अवस्था में पाया गया। सूचना मिलते ही
थाना प्रभारी अनिल शर्मा और उनकी टीम मौके पर पहुंचे। शव को तुरंत खैरागढ़ अस्पताल भेजा
गया। सोमवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।
इलाज के लिए हुए थे कई प्रयास
थाना प्रभारी अनिल शर्मा और उनकी टीम ने इस मानसिक रोगी के इलाज के लिए पहले भी कई
प्रयास किए थे। युवक को खैरागढ़ से बिलासपुर तक ले जाया गया था। लेकिन कुछ तकनीकी और
प्रशासनिक कारणों से उसका दाखिला संभव नहीं हो पाया। इसके बावजूद पुलिस टीम ने लगातार
मानवीय संवेदना के साथ मदद की कोशिश की।
परिवार में सिर्फ बुजुर्ग दादी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार युवक के परिवार में केवल दादा-दादी थे। हाल ही में उसके दादा
का निधन हो गया है। दादी भी उम्रदराज और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हैं।
सिस्टम पर उठते सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के
लिए छोटे शहरों में कोई स्थायी और प्रभावी व्यवस्था क्यों नहीं है। यदि समय रहते इलाज और
संरक्षण मिल पाता, तो यह दुखद हादसा टल सकता था
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