श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
छत्तीसगढ़ में गौवंश को संवैधानिक रूप से ‘राज्यमाता’ का दर्जा देने और अलग गौ मंत्रालय बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों गौसेवक, गौ-प्रेमी और सामाजिक संगठनों के सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस आंदोलन का नेतृत्व स्वामी ज्योतिर्मयानंद डंडी स्वामी ने किया।
सुबह जय स्तंभ चौक पर बड़ी संख्या में गौसेवक जुटे और “गौ माता को राज्यमाता घोषित करो”, “गौ हत्या बंद करो” और “गौ हत्यारों को फांसी दो” जैसे नारे लगाते हुए रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त थे, इसलिए पहले आंदोलनकारियों से एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन लेने का अनुरोध किया गया। लेकिन वे कलेक्टर से ही मुलाकात की जिद पर अड़े रहे। लगभग आधे घंटे तक नारेबाजी के बाद कलेक्टर ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की और मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्राप्त किया।
मुख्य मांगें
- गौवंश को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया जाए और अलग गौ मंत्रालय बने।
- गौ हत्या और तस्करी पर सख्त सजा, मृत्युदंड तक का प्रावधान हो।
- “पशु/मवेशी” जैसे संबोधन दंडनीय अपराध घोषित हों।
- सड़कों पर घूमते गौवंश की पुनर्स्थापना और पारदर्शी खरीद नीति बने।
- प्रत्येक 10 गांवों के समूह में बड़े गौ अभ्यारण्य या गोधाम का निर्माण हो।
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और किसानों के उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित किया जाए।
- हर 50 मील की दूरी पर 24×7 गौ-चिकित्सालय और जिला स्तर पर निगरानी कमेटी बने।
- गौ-संबंधित यौन शोषण के मामलों में मनुष्यों जैसी कानूनी सुरक्षा दी जाए।
5 लाख पत्र भेजने का दावा, चेतावनी भी दी
गौसेवकों ने बताया कि 1 अगस्त से 31 अगस्त तक मुख्यमंत्री को 5 लाख से अधिक पत्र भेजे गए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 1 सितंबर तक मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
कलेक्टर चंद्रवाल ने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी मांगें सरकार तक पहुंचाई जाएंगी और उस पर गंभीरता से विचार होगा।
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