श्रेयांश सिंह / खैरागढ़
खैरागढ़ से विशेष रिपोर्ट:
खैरागढ़ से दुर्ग मार्ग की बदहाल सड़कों और जानलेवा गड्ढों को लेकर रविवार को जनाक्रोश फूट पड़ा। मिशन संडे के बैनर तले सैकड़ों स्थानीय नागरिक, कांग्रेस कार्यकर्ता और वार्डवासी सड़कों पर उतरे, जिनका नेतृत्व कर रहीं थीं क्षेत्र की विधायक यशोदा वर्मा। आंदोलन का तरीका जितना अनोखा था, संदेश उतना ही तीखा – विधायक ने खुद नगाड़ा बजाकर प्रशासन की ‘कुंभकर्णी नींद’ को जगाने की कोशिश की।
“अगर अब भी नहीं जागे अधिकारी, तो उनके दफ्तर में जाकर बजेगा नगाड़ा”, यह चेतावनी दी गई मिशन संडे मंच से। ढोल की गूंज और नारों के बीच करीब एक घंटे तक खैरागढ़-दुर्ग मार्ग बाधित रहा, लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे आक्रोश और बढ़ गया।
जर्जर सड़कें, झुके खंभे, अंधी व्यवस्था
उमराव पुल और अमलीपारा मार्ग में बड़े गड्ढे और खतरनाक विद्युत पोल जनता की जान जोखिम में डाल रहे हैं। मार्च में ही मिशन संडे टीम ने इस ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए ज्ञापन सौंपा था, परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
घोटाले के आरोप – भुगतान हुआ, काम नहीं दिखा
विधायक यशोदा वर्मा ने पीडब्ल्यूडी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जालबांधा-विक्रमपुर सड़क पेचवर्क के लिए 77 लाख और खैरागढ़-दुर्ग मार्ग के नवीनीकरण के लिए 1.13 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, लेकिन सड़क की स्थिति जस की तस है। उन्होंने कहा, “अगर काम समय पर हुआ होता, तो जनता को सड़क पर उतरना नहीं पड़ता।”
आधी रात को छुपाने की कोशिश
विधायक प्रतिनिधि और मिशन संडे संयोजक मनराखन देवांगन ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन की सूचना मिलते ही रात में चोरी-छिपे गड्ढों को पाटने का दिखावटी प्रयास किया गया, जो असल में भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश है।
अंतिम चेतावनी
मंच से चेतावनी दी गई कि यदि जल्द ही सड़क मरम्मत और सुधार कार्य नहीं शुरू हुआ, तो अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यालयों में जाकर नगाड़ा बजाकर आंदोलन तेज किया जाएगा। “भ्रष्टाचार के खिलाफ अब सड़क ही नहीं, दफ्तर भी आंदोलन के गवाह बनेंगे।”
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