श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
वन विभाग में नियम-विरुद्ध की जा रही विशेष पदोन्नतियों को लेकर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में संघ के पदाधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक का मूल उद्देश्य संघ की 11 सूत्रीय मांगों पर विचार करना था। इस दौरान सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई और शासन स्तर पर रूपरेखा तय करने पर सहमति बनी।
11 सूत्रीय मांगों पर हुई समीक्षा
बैठक में कर्मचारियों ने कहा कि लंबे समय से वेतनमान सुधार, सेटअप पुनरीक्षण, भत्तों का समायोजन, रिक्त पदों की पूर्ति और सेवा शर्तों में सुधार जैसी प्रमुख मांगें लंबित हैं। बैठक में इन सभी मांगों पर प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजने पर सहमति बनी। पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि इन मुद्दों पर शासन को ठोस निर्णय लेना ही होगा।
नियम-विरुद्ध पदोन्नति अस्वीकार्य
जिला अध्यक्ष अभिषेक देवांगन ने कहा कि पदोन्नति और भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियमसम्मत होनी चाहिए। किसी भी कर्मचारी के साथ अन्याय स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नियमों की अनदेखी कर पदोन्नतियां दी गईं तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा। संदिग्ध अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच कर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
पारदर्शिता पर सीधा प्रहार
कर्मचारियों ने कहा कि विशेष पदोन्नतियां न केवल नियमों की अनदेखी हैं, बल्कि विभागीय पारदर्शिता और ईमानदारी से कार्य करने वाले कर्मचारियों के हितों पर भी सीधा प्रहार हैं। उन्होंने मांग की कि सभी अवैध पदोन्नतियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
आंदोलन की चेतावनी
बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि यदि शासन ने जल्द ही मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो संघ कानूनी और आंदोलनात्मक दोनों रास्तों को अपनाने के लिए बाध्य होगा। कर्मचारियों ने कहा कि अब धैर्य की सीमा समाप्त हो रही है और सरकार को कर्मचारियों की आवाज सुननी ही होगी।
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