गोलबाजार, इतवारी, बक्शी मार्ग से लेकर खैरागढ़ की गलियों तक कब्जे ही कब्जे, शाम को पैदल चलना भी मुश्किल
श्रेयांश सिंह खैरागढ़ –
शहर की प्रमुख बाजार गलियों में अतिक्रमण अब बेकाबू होता जा रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि न सिर्फ फुटपाथ और सड़कें, बल्कि सरकारी नालियां तक दुकानदारों और कारोबारियों के कब्जे में हैं। बाजार की हर लाइन में सामान सड़क पर बिखरा पड़ा है, टेबल लगाकर बिक्री की जा रही है और नालियों पर पक्के निर्माण तक कर लिए गए हैं।
गोलबाजार में नाली पर बनी दुकानें, सड़कों पर ठेले-टेबल
खैरागढ़ के गोलबाजार इलाके की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां हर गली में दुकानदारों ने सरकारी नालियों को पाटकर पक्के ढांचे खड़े कर लिए हैं। सड़कें इतनी संकरी हो गई हैं कि शाम के समय तो पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। मनिहारी सामान बेचने वालों ने सड़क को ही गोदाम बना लिया है, बोरे, टोकरी, थैले और डिब्बे चारों ओर बिखरे रहते हैं।
वाहन तो दूर, साइकिल तक नहीं निकल सकती
सड़क के दोनों किनारों पर बेतरतीब ढंग से खड़ी गाड़ियों के बीच दुकानदारों का सामान और ठेले लगे होते हैं। इस वजह से कार क्या, दोपहिया वाहन निकालना भी मुश्किल हो गया है। कई बार लोग साइकिल भी उठाकर ले जाने को मजबूर हो जाते हैं।
व्यापारी बेखौफ, आम नागरिक परेशान
शहर में अतिक्रमण इस हद तक बढ़ गया है कि अब व्यापारियों को किसी कार्रवाई का डर तक नहीं रहा। बाजारों में ट्रैफिक की कोई व्यवस्था नहीं, पैदल चलने की जगह नहीं, लेकिन फिर भी नगर पालिका और प्रशासन चुप बैठा है। ऐसा लगता है जैसे अतिक्रमण को किसी ‘राजनीतिक संरक्षण’ का भरोसा मिला हुआ है।
स्थानीय नागरिकों में आक्रोश
स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि अधिकारी बाजार में घूमते हैं, सब कुछ देख रहे हैं, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं करते।
ऐसा लग रहा जैसे किसी ने कह दिया है – आराम से कब्जा करो, कोई कुछ नहीं कहेगा
त्योहारों से पहले जरूरी है सख्त कदम
त्योहारों के मौसम में बाजारों में भीड़ बढ़ेगी और ऐसे में यह अतिक्रमण किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत सख्त कार्रवाई करे, न केवल अतिक्रमण हटाए बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करे।
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