श्रेयांश सिंह:खैरागढ़-
ज़िले के ग्राम देवरी में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानपाठक रेशमलाल बेरवंशी पर कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि प्रधानपाठक स्कूल में नशे की हालत में पहुंचे थे, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से की। इसके बाद 15 जुलाई को बीईओ खैरागढ़ द्वारा एक जांच टीम मौके पर भेजी गई और प्रधानपाठक को पुलिस सहायता से खैरागढ़ थाने लाया गया।
मेडिकल जांच हुई, लेकिन रिपोर्ट ‘गायब’
इस मामले में खैरागढ़ अस्पताल के डॉ. पंकज वैष्णव ने बताया कि “मंगलवार की शाम को प्रधानपाठक रेशमलाल बेरवंशी को पुलिस और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त विकासखंड शिक्षा अधिकारी के साथ मुलायजा (मेडिकल जांच) के लिए लाया गया था। हमने परीक्षण कर रिपोर्ट पुलिस विभाग को सौंप दी है।”
इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा न तो रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया और न ही कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई सामने आई है।
कांग्रेस का आरोप—शिक्षक को बचाने की हो रही कोशिश
मामले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) लालजी द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “डीईओ पहले मामले से अनभिज्ञ होने की बात करते रहे, फिर रिपोर्ट की जानकारी न होने का बहाना बनाया और अब गोलमोल जवाब देकर मामले से बचने की कोशिश कर रहे हैं।”
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
मीडिया और जनता की पहल के बावजूद विभाग चुप
स्थानीय पत्रकारों और ग्रामीणों ने इस पूरे प्रकरण को बीईओ, डीईओ और कलेक्टर कार्यालय तक पहुँचाया, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है और शिक्षा विभाग की निष्क्रियता पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं।
अब निगाह प्रशासन पर
अब सभी की नजर प्रशासन पर टिकी है कि क्या वह ऐसे संवेदनशील मामले में पारदर्शिता और अनुशासन का परिचय देगा, या फिर यह मामला भी विभागीय चुप्पी और राजनीतिक दबाव के चलते ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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