श्रेयांश सिंह खैरागढ़,गंडई –
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ग्राम धोधा और कालेगोंदी में करोड़ों की ज़मीन पर कूट रचना कर फर्जी बीमा करवाने और क्लेम की राशि उठाने का बड़ा मामला सामने आया है। सत्ता पक्ष के सक्रिय कार्यकर्ता अनिष गौतम और उसकी पत्नी भूमिका ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर न केवल अन्य किसानों की ज़मीन बल्कि ग्राम की चारागाह और सरकारी ज़मीन को भी बीमा आवेदन में शामिल कर लाखों रुपये का फर्जी बीमा क्लेम प्राप्त किया।
फर्जीवाड़े का तरीका: दूसरे की ज़मीन को अपने नाम बताकर आवेदन
ग्रामवासियों के अनुसार, आरोपी अनिष गौतम ने ग्राम धोधा के कृषक संतोष सिंह, दीपक राजपूत, कुमार सिंह और कई अन्य भूमिस्वामियों की ज़मीन को अपने बीमा आवेदन में अपनी ज़मीन बताकर शामिल किया। इन ज़मीनों पर रबी फसल बीमा कराकर बीमा क्लेम की राशि सीधे अपने व अपने सहयोगियों के बैंक खातों में अंतरित करवा ली गई।
चरागाह और सरकारी ज़मीन भी नहीं छोड़ी
मामला तब और गंभीर हो गया जब यह सामने आया कि ग्राम की चरागाह (ख.न.85, रकबा 4.046 हेक्टेयर) को भी निजी भूमि बताकर बीमा करवाया गया, और ₹90,685.39 का बीमा क्लेम प्राप्त किया गया।
पत्नी के नाम से भी फर्जी बीमा
भूमिका ठाकुर के नाम पर भी फर्जीवाड़ा कर दो अलग-अलग खसरा नंबर की ज़मीन पर बीमा कराकर ₹38,000 से अधिक की बीमा राशि प्राप्त की गई, जबकि ग्राम रिकॉर्ड में उनके नाम कोई ज़मीन नहीं है।
लापता व्यक्ति की ज़मीन पर भी हुआ बीमा
गांव के निवासी मांगीलाल (अनुसूचित जनजाति), जो कि पिछले सात वर्षों से लापता हैं, उनकी ज़मीन पर भी बीमा करवाया गया और खुमान राम नामक व्यक्ति के खाते में बीमा क्लेम राशि अंतरित की गई। इसी प्रकार अन्य किसानों की ज़मीन पर भी सहयोगी देवेन्द्र और कुमार राम के नाम से बीमा करवाया गया।
विधायक ने उठाई आवाज, ग्रामीणों के साथ पहुंचे कलेक्टर कार्यालय
ग्रामवासियों ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत लेकर विधायक यशोदा वर्मा के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय का रुख किया। विधायक ने कलेक्टर से चर्चा कर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “हकदार किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिल रहा, जबकि चरागाह और सरकारी ज़मीनों पर भी फर्जी बीमा कर राशि हड़पी जा रही है। यह संगठित ठगी है।”
मांग: दर्ज हो आपराधिक प्रकरण
ग्रामवासियों ने बिंदुवार आवेदन देकर मांग की है कि इस पूरे मामले में शामिल लोगों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कर कूट रचना, धोखाधड़ी और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए। साथ ही बीमा क्लेम की राशि की रिकवरी और दोषी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाए।
रहे शिकायतकर्ता ग्रामीण जो उपस्थित रहे:
सीताराम वर्मा लक्ष्मणरायदिलीप प्रकाश मनहरण सुशील वर्मा
हयराम चंद्रिका सरुव शिवलाल दयाराम वर्मा
रामरतन साडू संतोषी
मीनादेवी ठाकुर मोगरा
अमरषिपंग वर्मातिलकराम भाजन रात्र लालाराम चारसिंग रामाधार भगवती पवनकुमार गंगाराम
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