श्रेयांश सिंह : खैरागढ़ – स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षक और कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को छत्तीसगढ़ स्वामी आत्मानंद संविदा शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के बैनर तले अंबेडकर चौक में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया।
धरना प्रदर्शन के बाद तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम दो सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। संघ की प्रमुख मांगों में नियमित वेतनमान का निर्धारण और शिक्षा विभाग में स्थायी समायोजन शामिल हैं।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वे पिछले चार वर्षों से पूर्णकालिक सेवाएं दे रहे हैं और विद्यालयों की गुणवत्ता व परिणाम सुधारने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें आज भी सीमित वेतनमान और अस्थायी व्यवस्था के तहत काम करना पड़ रहा है, जिससे उनका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।
सेवा शर्तें स्पष्ट नहीं, भविष्य असुरक्षित
संविधानसभा प्रतिनिधि दुर्गेश यादव और रंजीव कुमार पंडा ने बताया कि वर्ष 2020 में स्वामी आत्मानंद योजना की शुरुआत हुई थी और इन शिक्षकों की इसमें केंद्रीय भूमिका रही है। इसके बावजूद अभी तक उनकी सेवा शर्तें स्पष्ट नहीं की गई हैं।
शिक्षा मंत्री और सांसद का मिला समर्थन
संघ ने जानकारी दी कि उनकी मांगों को जशपुर के शिक्षा मंत्री और राज्यसभा सांसद का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री से शीघ्र हस्तक्षेप कर संविदा शिक्षकों की समस्याओं के समाधान की अपील की है, ताकि शिक्षा व्यवस्था पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े।
1 अगस्त से तीन दिवसीय हड़ताल की चेतावनी
संविदा शिक्षिका पूजा तंबोली ने बताया कि “हमने बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए रविवार का दिन चुना। लेकिन यदि सरकार ने हमारी मांगों को लेकर ठोस निर्णय नहीं लिया तो 1 अगस्त से 3 अगस्त तक राज्यव्यापी कामबंद–कलमबंद हड़ताल की जाएगी।”
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन की राह पर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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