श्रेयांश सिंह : खैरागढ़ –
शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाला एक गंभीर मामला खैरागढ़ जिले के ग्राम देवरी से सामने आया है। शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ प्रभारी प्रधानपाठक रेशमलाल बेरवंशी को स्कूल समय के दौरान शराब के नशे में धुत्त पाया गया।
ग्राम सरपंच ने की शिकायत, 112 की टीम ने पकड़ा
लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद मंगलवार को ग्राम सरपंच तेजराम वर्मा ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) नीलम राजपूत और डायल 112 को सूचना दी। शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए निरीक्षण दल और पुलिस की टीम ने प्रधानपाठक को विद्यालय से पकड़कर खैरागढ़ थाना ले जाया
मेडिकल जांच से होगी पुष्टि
शाम को आरोपी प्रधानपाठक को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि उस वक्त वह नशे की हालत में था या नहीं।
बीईओ चुप, डीईओ अनजान
मामले में पूछे जाने पर BEO नीलम राजपूत ने संवैधानिक कारणों का हवाला देते हुए सार्वजनिक बयान देने से इनकार कर दिया।
वहीं सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) लालजी द्विवेदी को पूरे दिन चली कार्रवाई की कोई सूचना नहीं दी गई। उन्होंने कहा – मामले की जानकारी मंगवाई जा रही है। जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों में आक्रोश, की सख्त कार्रवाई की मांग
गांव में इस घटना को लेकर गहरा रोष है। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि शिक्षक न केवल स्कूल के अनुशासन को तोड़ रहा था, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहा था। उन्होंने मांग की कि ऐसे शिक्षकों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अन्य शिक्षकों को भी सख्त संदेश मिले।
प्रशासनिक समन्वय पर भी उठे सवाल
यह मामला केवल एक शिक्षक की लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा विभाग की आंतरिक समन्वयहीनता और जिम्मेदारी के अभाव को भी उजागर करता है। सवाल यह है कि क्या केवल निलंबन जैसी कार्रवाई पर्याप्त होगी
अब क्या जागेगा शिक्षा विभाग?
बच्चों की शिक्षा और स्कूल की गरिमा से जुड़े इस मामले ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इस गंभीर लापरवाही पर क्या ठोस कदम उठाता है,
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