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शराबी प्रधानपाठक पर कार्रवाई, कलेक्टर के दखल के बाद शिक्षा विभाग ने किया निलंबन

         

श्रेयांश सिंह:खैरागढ़-

शराब के नशे में स्कूल आने वाले प्रधानपाठक रेशमलाल बेरवंशी पर आखिरकार शिक्षा विभाग ने कार्रवाई कर दी है। हमारी खबर प्रसारित होने और खैरागढ़ कलेक्टर इंद्रजीत चन्द्रवाल के दखल के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानपाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

 

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तीन दिन तक छिपाई गई मेडिकल रिपोर्ट, अधिकारी गुमराह करते रहे

15 जुलाई को खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम देवरी स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में प्रधानपाठक रेशमलाल बेरवंशी शराब के नशे में स्कूल पहुंचा था। ग्रामीणों की शिकायत पर बीईओ खैरागढ़ की जांच टीम ने मौके पर शराब सेवन की पुष्टि कर दी थी, जिसके बाद प्रधानपाठक को डायल 112 की मदद से खैरागढ़ थाने लाया गया। तय प्रक्रिया के अनुसार मेडिकल जांच कर आगे की कार्रवाई होनी थी, लेकिन तीन दिन तक मेडिकल रिपोर्ट को छिपाया गया और जिम्मेदार अधिकारी मीडिया को गुमराह करते रहे। इस दौरान कुछ सेटिंगबाज लोग शराबी शिक्षक को बचाने में पूरी तन्मयता से जुटे रहे, वहीं पत्रकार लगातार बीईओ कार्यालय, डीईओ कार्यालय और खैरागढ़ थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं की गई।

         

कलेक्टर से मुलाकात के बाद जागा शिक्षा विभाग

मीडिया के सभी साथी अंततः खैरागढ़ कलेक्टर इंद्रजीत चन्द्रवाल से मिले और पूरा मामला उनके संज्ञान में लाया। कलेक्टर के दखल और सख्ती के बाद शिक्षा विभाग नींद से जागा और कार्रवाई करते हुए प्रधानपाठक रेशमलाल बेरवंशी को निलंबित कर दिया। जारी आदेश में निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय खैरागढ़ निर्धारित किया गया है और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।इस मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने शिक्षा विभाग पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस विधायक प्रतिनिधि ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, जबकि भाजपा सांसद प्रतिनिधि ने भी इसमें हस्तक्षेप किया तब इस मामले ने तूल पकड़ा । इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। ग्रामीणों ने कहा कि नशे में स्कूल आने वाले शिक्षक की वजह से बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही थी। अब सभी की निगाह इस पर है कि विभागीय जांच में आगे और क्या कार्रवाई होती है। यह मामला दिखाता है कि मीडिया की सजगता, जनदबाव और कलेक्टर के सक्रिय हस्तक्षेप से ही शिक्षा विभाग जैसे तंत्र हरकत में आते हैं, वरना सब कुछ दबाने की कोशिश होती रहती है।

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About श्रेयांश सिंह - ब्यूरो चीफ ( के.सी.जी. )

मैं श्रेयांश सिंह, खैरागढ़ निवासी हूं। पत्रकारिता में मुझे 10 वर्षों का अनुभव है। वर्तमान में मैं के.सी.जी. (KCG) में ब्यूरो चीफ के पद पर कार्यरत हूं। समाज से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से उठाना और निष्पक्ष पत्रकारिता करना मेरा उद्देश्य रहा है। जनहित के प्रति मेरी प्रतिबद्धता ने मुझे क्षेत्र में एक विश्वसनीय पहचान दिलाई है।

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