श्रेयांश सिंह/खैरागढ़ —
खैरागढ़ के जमातपारा क्षेत्र में स्थित वर्षों पुराना बंद टीबी अस्पताल अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। हर शाम अंधेरा होते ही यह जगह नशेड़ियों से भर जाती है, जिससे आसपास रहने वाले नागरिक, खासकर महिलाएं और बच्चे, भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां शराब, गांजा और अन्य मादक पदार्थों का खुला सेवन हो रहा है। महिलाएं न तो आराम से बाहर निकल सकती हैं, न ही पास के सार्वजनिक शौचालय का उपयोग कर सकती हैं। आए दिन छेड़खानी और अभद्र व्यवहार की घटनाएं भी सामने आ रही हैं।
तीन महीने से जारी है नशाखोरी, पुलिस कार्रवाई से अब तक दूरी
मोहल्लेवासियों ने आरोप लगाया कि पिछले तीन महीनों से ये सब चल रहा पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। मोहल्ले के निवासी रिंकू सिंह ठाकुर और नगीना पटेल सहित कई लोगों ने बताया कि इस माहौल से बच्चों पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
थाने में लिखित शिकायत, की चार सूत्रीय मांग
स्थानीय नागरिकों ने आज खैरागढ़ थाने में पहुंचकर लिखित आवेदन सौंपा और निम्नलिखित मांगें रखीं:
बंद टीबी अस्पताल परिसर को पूरी तरह सील किया जाए
नशे में लिप्त असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो
क्षेत्र में नियमित पुलिस गश्त शुरू की जाए
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
स्थानीय निवासियों की स्पष्ट उम्मीद है कि पुलिस अब इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज नहीं करेगी और जमातपारा क्षेत्र को जल्द असामाजिक गतिविधियों से मुक्त कराएगी।
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