श्रेयांश सिंह : खैरागढ़ – नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पूर्व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु जिला प्रशासन ने स्कूल बसों की कड़ी जांच शुरू की है। जिला सड़क सुरक्षा समिति के निर्देश पर जिले भर में पंजीकृत सभी स्कूल बसों का भौतिक सत्यापन किया गया, साथ ही चालकों और परिचालकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी हुआ।
शुक्रवार को खैरागढ़ में आरटीओ, यातायात पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने विशेष अभियान चलाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 16 बिंदुओं के अनुपालन की जांच की गई। विशेष ध्यान वाहनों में लगे वीएलटीडी (Vehicle Location Tracking Device) और पैनिक बटन की स्थिति पर दिया गया।
निरीक्षण के दौरान डीएसपी रमेश कुमार चंद्र ने एक बस में अटेंडर की अनुपस्थिति पर नाराज़गी जताई और निर्देश दिए कि सभी चालक यूनिफॉर्म में और अनुशासित ढंग से कार्य करें। उन्होंने सभी बसों में सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस, स्पीड गवर्नर, फायर एक्सटिंग्विशर और फर्स्ट एड बॉक्स की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। स्पीड गवर्नर की तकनीकी जांच भी मौके पर की गई।
आरटीओ इंस्पेक्टर विष्णु राजपूत ने स्पष्ट किया कि 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहन, यदि सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं, तो उनके विरुद्ध चालान सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्मार्ट और बच्चों के अनुकूल परिवहन व्यवस्था अपनाने पर बल दिया।
चालकों की आंखों की जांच, चरित्र प्रमाण पत्र, और बच्चों से व्यवहार की निगरानी भी की गई। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएमएचओ डॉ. आशीष शर्मा ने वाहन चालकों को आपातकालीन देखभाल और फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग की जानकारी दी तथा प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण को अनिवार्य बताया।
इस अभियान में यातायात शाखा प्रभारी शक्ति सिंह, सुरेश वर्मा, गन्नू लाल साहू, आशुतोष सिंह, सुशील केरकेट्टा सहित परिवहन विभाग और पुलिस के अन्य अधिकारी शामिल रहे।
प्रशासन ने साफ किया है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहन या चालक बख्शे नहीं जाएंगे।
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