

छत्तीसगढ़ महतारी / खैरागढ़ – पांडादाह स्थित राजगामी संपदा न्यासिक न्यास की भूमि का अधिग्रहण इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के लिए अति आवश्यक है भाजपा का संकल्प हर वर्ग का कल्याण की तर्ज पर डबल इंजन सरकार से मांग है कि पांडादाह स्थित राजगामी न्यास की भूमि का अधिग्रहण इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के नाम पर की जाए जिसके लिए भाजपा नेता नरेंद्र सोनी ने बताया कि खैरागढ़ के तत्कालीन स्वर्गीय राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह एवं स्वर्गीय रानी पद्मावती देवी सिंह के द्वारा अपनी मंझली बेटी राजकुमारी इंदिरा की स्मृति में14 अक्टूबर 1956 में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जो संगीत नृत्य लोक कला एवं अन्य संबंधित विधाओं से जुड़े होने के कारण राज्य के अन्य विश्वविद्यालय भिन्न प्रकृति का है जिसके कारण यह विश्वविद्यालय भारत का हीं नहीं पूरी एशिया का एकमात्र ललित कला के लिए समर्पित ख्याति प्राप्त संगीत विश्वविद्यालय है श्री सोनी ने आगे बताया कि केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा विभिन्न भाषाओं एवं अन्य विधाओं के लिए देश में कई केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जबकि शास्त्री संगीत नृत्य लोक संगीत दृश्य कला एवं फाइन आर्ट थिएटर चित्रकला से संबंधित अभी तक केंद्र शासन का कोई भी केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत में नहीं है इन सभी पारंपरिक व आधुनिक कलाओं के बेहतर संरक्षण एवं संवर्धन हेतु इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित करने एवं संबंधित विधाओं में सीटों की संख्या में इजाफा करते हुए संसाधनों के लिए जमीन की अति आवश्यकता है जिसके लिए पांडादाह में स्थित राजगामी की भूमि 600 एकड़ जमीन में से 400 एकड़ जमीन इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को प्रदान करने ताकि जिला वासियों के लिए भी रोजगार के नित्य नए अवसर का सृजन हो सके और संपूर्ण भारतवर्ष से आए छात्र-छात्राओं को समस्त संसाधनों के साथ बेहद अनुकूल वातावरण में ललित कला का अध्ययन कर सके।
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