श्रेयांश सिंह:खैरागढ़ –
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर खैरागढ़ जिले के एनएचएम कर्मचारी 18 अगस्त से लगातार हड़ताल पर हैं। बुधवार को हड़ताल के 16वें दिन कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा धरना स्थल पहुंचीं। उन्होंने कर्मचारियों की मांगों को पूरी तरह जायज ठहराते हुए सरकार से तत्काल समाधान की मांग की।
विधायक वर्मा ने कहा –
मैं सरकार से यही कहना चाहती हूं कि एनएचएम कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों में सबसे अहम मांग संविलयन और स्थायीकरण है। अगर सरकार इस एक मांग को पूरा कर देती है तो बाकी मांगें अपने आप पूरी हो जाएंगी।
उन्होंने कर्मचारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा –
हम सब कांग्रेस पार्टी आपके साथ हैं। जो भी मांग आप कर रहे हैं वह किसी से भीख नहीं मांग रहे, बल्कि यह आपका हक की लड़ाई है और हम आपके साथ मजबूती से खड़े हैं।”
इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिहिर झा, विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन, अरुण भारद्वाज, सूर्यकांत यादव और रवींद्र सिंह गहरवार सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीज परेशान
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। सरकारी अस्पतालों में इलाज प्रभावित हो रहा है और मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने अलग-अलग तरीकों से आंदोलन को तेज कर दिया है। कहीं हवन-पूजन किया जा रहा है, तो कहीं सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री का अल्टीमेटम, कर्मचारियों का दो टूक जवाब
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने एनएचएम कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।
संघ के जिला अध्यक्ष ने कहा कि देश के कई राज्यों में बीते 20 वर्षों में एनएचएम कर्मचारियों को ग्रेड पे, समान कार्य के लिए समान वेतन, सेवा सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति और मेडिकल बीमा जैसी सुविधाएं दी जा चुकी हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी तक यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिससे कर्मचारी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
कर्मचारियों की प्रमुख 10 सूत्रीय मांगें
- नियमितीकरण प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ किया जाए।
- समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया जाए।
- सेवा सुरक्षा और स्थायित्व की गारंटी दी जाए।
- स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- समय पर वेतन भुगतान हो।
- पदोन्नति के अवसर दिए जाएं।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे और कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन और भी तेज होगा।
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