खैरागढ़ में कांग्रेस की प्रेसवार्ता, सरकार पर गम्भीर आरोप
रिपोर्ट: श्रेयांश सिंह, खैरागढ़ – प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर खैरागढ़ में आयोजित प्रेसवार्ता में मोहला-मानपुर विधायक इन्द्रशाह मंडावी, खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, जिलाध्यक्ष गजेंद्र ठाकरे, कांग्रेसी नेता मोतीलाल जंघेल, पंडित मिहिर झा, सुनीलकांत पांडे, आकाशदीप सिंह, पद्मादेवी सिंह, कन्हैया बैस व यतेंद्रजीत सिंह ने राज्य सरकार पर शिक्षा और रोजगार विरोधी नीतियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10463 स्कूलों को बंद किया जाना न केवल शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने वाला है, बल्कि यह हजारों लोगों के रोजगार पर भी संकट पैदा कर रहा है।
विधायक मंडावी ने कहा कि “युक्तियुक्तकरण” के नाम पर प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। स्कूलों के नए सेटअप के तहत शिक्षकों की न्यूनतम पद संख्या में कटौती की गई है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में भी 3300 स्कूल बंद किए गए थे और 12000 शिक्षक पद खत्म कर दिए गए थे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात 1:21 है, जिसे बढ़ाकर 1:30 किया जा रहा है। मिडिल स्कूलों में यह अनुपात 1:26 से बढ़ाकर 1:35 किया जा रहा है, जिससे एक तिहाई से अधिक शिक्षक पद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल इसलिए उठाया जा रहा है ताकि सरकार को नए शिक्षकों की भर्ती न करनी पड़े।
शिक्षकों पर काम का बोझ, शिक्षा की गुणवत्ता पर संकट
मंडावी ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में एक शिक्षक को अब 18 विषय पढ़ाने होंगे, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। मिडिल स्कूलों में जहां तीन कक्षाओं और छह विषयों की पढ़ाई होती है, वहां केवल दो शिक्षकों के भरोसे सारी कक्षाएं संचालित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मिड-डे मील, प्रशासनिक कार्य और गैर-शिक्षकीय जिम्मेदारियां भी शिक्षकों के ही कंधों पर होंगी।
हजारों रसोइयों और स्व-सहायता समूहों पर असर
स्कूलों के जबरन बंद होने से हजारों रसोइयों, चौकीदारों, भृत्यों और स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के सामने रोज़गार का संकट उत्पन्न हो गया है। मंडावी ने कहा कि भाजपा सरकार का यह निर्णय दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों, विशेषकर बस्तर, सरगुजा और जशपुर जैसे इलाकों में शिक्षा तक पहुंच को और कठिन बना देगा।
सरकार के झूठे दावे और जमीनी सच्चाई
मंडावी ने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि कोई स्कूल बंद नहीं हो रहा, जबकि वास्तविकता यह है कि मर्ज किए गए स्कूलों का DISE कोड (स्कूल का सरकारी पंजीकरण कोड) तक हटा दिया गया है, जो स्कूल के अस्तित्व को ही खत्म कर देता है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि विधानसभा में सरकार ने 58000 खाली शिक्षक पदों की बात स्वीकार की थी और 35000 पदों पर भर्ती का वादा किया था, लेकिन अब 45000 पद खत्म करके इन वादों को झूठा साबित किया जा रहा है।
कांग्रेस का ऐलान: करेगी जमीनी आंदोलन
मंडावी ने कहा कि कांग्रेस इस शिक्षा और रोजगार विरोधी निर्णय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। सभी जिलों और ब्लॉकों में प्रदर्शन होंगे और जल्द ही आंदोलन की तिथि और स्वरूप की घोषणा की जाएगी।
Live Cricket Info