श्रेयांश सिंह खैरागढ़ –
शहर का एकमात्र खेल मैदान इन दिनों बदहाली का शिकार है। 15 अगस्त के कार्यक्रम, दही हांडी के बाद मैदान की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि खिलाड़ी अभ्यास तक नहीं कर पा रहे। मैदान में जगह-जगह टायरों के गड्ढे, फैली हुई जीरा गिट्टी और कीचड़ ने उसे पूरी तरह अनुपयोगी बना दिया है।
खिलाड़ियों की नाराजगी
15 अगस्त के पहले मैदान पर डाली गई जीरा गिट्टी बारिश में धंस गई, जिससे सतह असमतल हो गई। फिर भारी वाहनों के प्रवेश से मैदान का 40% हिस्सा खराब हो गया। खिलाड़ी चोट के डर से मैदान में उतरने से कतरा रहे हैं। स्थानीय खिलाड़ी शिवांश बहादुर सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा, “अगर 23 अगस्त तक मैदान ठीक नहीं हुआ तो इसमें धान बो देंगे।”
पोला उत्सव पर संकट
हर पोला उत्सव के तहत होने वाला फुटबॉल मैच और पारंपरिक बैल दौड़ क्षेत्र की पहचान हैं, लेकिन इस बार मैदान की हालत को देखते हुए इनके आयोजन पर संकट मंडरा रहा है।
प्रशासन से मांग
कोच जमीर कुरैशी, शिवांश बहादुर,यश सिंह, वसीम मेमन, हर्षदीप सिंह समेत कई खिलाड़ियों ने मैदान का निरीक्षण कर तत्काल मरम्मत की मांग की। उनका कहना है कि हर आयोजन के बाद मैदान की सफाई और समतलीकरण नहीं होता।
ना दौड़ने लायक बचा, ना खेलने लायक
अब मैदान की हालत यह है कि न तो खिलाड़ी दौड़ सकते हैं और न ही अभ्यास कर सकते हैं। रोजाना यहां फुटबॉल और क्रिकेट खेलने वाले बच्चे, सेना व पुलिस की तैयारी करने वाले युवा, और वॉक पर आने वाले नागरिक तक परेशान हैं। पिछले 9 दिनों से सभी गतिविधियां बंद पड़ी हैं।
कोमल ठाकुर मुख्य नगर पालिका अधिकारी
मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने कहा, “लगातार बड़े आयोजनों के कारण मैदान की स्थिति बिगड़ी है। पोला उत्सव से पहले सुधार की तैयारी चल रही है। कल से वहां काम चालू कर दिया जाएगा
अब निगाहें प्रशासन पर
- क्या 23 अगस्त तक मैदान ठीक हो पाएगा? क्या दशकों पुरानी परंपराएं टूटेंगी?
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