श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के लिए गर्व का क्षण रहा जब माध्यमिक शाला बैहाटोला के प्रधान पाठक किशोर शर्मा को उनके उत्कृष्ट शिक्षकीय कार्यों और नवाचार के लिए राज्य का सर्वोच्च शिक्षक सम्मान मिला। यह सम्मान राजभवन रायपुर में आयोजित भव्य समारोह में महामहिम राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, और स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।
इस अवसर पर शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर के संचालक आईएएस ऋतु राज रघुवंशी, लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के संचालक सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, सांसद, विधायक और शिक्षा जगत से जुड़े गणमान्य लोग मौजूद थे।
जिले से प्राथमिक शाला मरत कठेरा के प्रधान पाठक राजेश प्रजापति को भी यह सम्मान प्रदान किया गया।
बच्चों और शिक्षा के लिए नवाचार का अनूठा मॉडल
मंचीय उद्बोधन में राज्यपाल ने किशोर शर्मा के शिक्षकीय जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पुरस्कार उनके नवाचार, समर्पण और शिक्षा में किए गए अभूतपूर्व बदलावों का परिणाम है।
किशोर शर्मा ने नई शिक्षा नीति 2020 को आत्मसात करते हुए अपनी शाला में कई नवीन शिक्षण पद्धतियों को लागू किया।
उन्होंने बच्चों के लिए तोला-मोला, चित्र विधि, प्रशोत्तर विधि और कला आधारित शिक्षा जैसे प्रयोग किए।
इन्हीं प्रयासों से छत्तीसगढ़ में “बेगलेस स्कूल” की शुरुआत हुई।
उनके स्कूल के छात्र लगातार राष्ट्रीय साधन सह प्रावीण्य छात्रवृत्ति परीक्षा (एनएमएसएस) में सफल हो रहे हैं।
इन सफल छात्रों को 12वीं तक हर महीने 1000 रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही है।
इसके अलावा कई छात्रों का चयन प्रयास आवासीय विद्यालय में भी हुआ है, जो वर्तमान में बिलासपुर और रायपुर में अध्ययनरत हैं।
खेल, योग और सांस्कृतिक विकास पर जोर
किशोर शर्मा न केवल शिक्षा बल्कि खेल और योग में भी बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं।
उनके विद्यार्थी जिला और राज्य स्तर तक अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।
योग में भी बच्चों ने अंतरजिला और संभाग स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
देश-विदेश के विशेषज्ञों के साथ कार्यशालाएं
नवाचार के क्रम में किशोर शर्मा ने दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, मुंबई, भोपाल और रायपुर जैसे शहरों से विशेषज्ञों को आमंत्रित कर बच्चों के लिए जीवन कौशल और तकनीकी ज्ञान पर कार्यशालाएं आयोजित कराई।
विदेशी मेहमानों में इजराइल से आए चंचल बंगा ने बच्चों को अभिनय आधारित शिक्षण पद्धति सिखाई।
साथ ही बच्चों को उन कवियों और लेखकों से सीधे मिलने का अवसर मिला जिनके बारे में वे किताबों में पढ़ते हैं।
यह प्रयोग बच्चों के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा।
राज्यपाल ने नवाचार को बताया शिक्षा का असली स्वरूप
राजभवन समारोह में राज्यपाल रमेन डेका ने कहा –
“नवाचार शिक्षा से ही बदलाव आता है। समय के साथ शिक्षण विधि बदलनी चाहिए। यह मायने नहीं रखता कि स्कूल की इमारत कितनी बड़ी है, बल्कि यह जरूरी है कि स्कूल के भीतर क्या और कैसे पढ़ाया जा रहा है।”
शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा –
“शिक्षक ही राष्ट्रभक्त नागरिक तैयार करते हैं। शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है और इसके बिना जीवन अधूरा है। शिक्षक समाज और राष्ट्र की उन्नति के स्तंभ हैं।”
नई शिक्षा नीति से शिक्षा क्षेत्र में आएगा बदलाव – गजेंद्र यादव
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से आने वाले समय में प्रदेश में शिक्षा का स्तर और ऊंचा होगा।
उन्होंने सभी पुरस्कृत शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधार के प्रयास कर रही है।
जिले का गौरव बढ़ाया
इस सम्मान को लेकर पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
ग्रामीणों, विद्यार्थियों और अभिभावकों ने किशोर शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि उनके नवाचारों ने शिक्षा की दिशा और दशा दोनों बदली है।
उनके प्रयासों से न केवल बच्चे, बल्कि पूरा क्षेत्र शैक्षिक रूप से समृद्ध हो रहा है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में जिले के प्रतिनिधि, शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षकों की बड़ी संख्या मौजूद रही।
किशोर शर्मा और राजेश प्रजापति को मंच पर श्रीफल, शाल और मोमेंटो प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उत्साह और गर्व का माहौल देखने को मिला।
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