श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
नगर पालिका परिषद खैरागढ़ एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। वर्ष 2025 में कराई गई दुकान नीलामी में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं और मिलीभगत का आरोप लगा है। तुलनात्मक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पूर्व नीलामी वर्ष 2023 की तुलना में इस बार दुकानों की बोली जानबूझकर आधे से भी कम दरों पर तय कराई गई, जिससे नपा को करीब 64 लाख 77 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।
मिलीभगत से घटाई गई दरें
सूत्रों के अनुसार, जिन दुकानों की नीलामी वर्ष 2023 में ऊंची दरों पर की गई थी, उन्हीं दुकानों को वर्ष 2025 में पूर्व बोलीकर्ताओं को ही कम दरों पर दोबारा सौंप दिया गया। नीलामी के नियमों के विपरीत जाकर अधिकारियों ने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए दरें घटाईं, जिससे नगर पालिका की आय पर सीधा असर पड़ा। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में नगर पालिका के कुछ जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
विधायक प्रतिनिधि ने की शिकायत
नगर पालिका परिषद खैरागढ़ के विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने इस मामले की शिकायत नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर को भेजी है। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर नीलामी प्रक्रिया निरस्त की जाए तथा नई पारदर्शी प्रक्रिया शुरू की जाए। शिकायत के साथ संलग्न 2023 और 2025 की नीलामी की तुलनात्मक सूची में स्पष्ट रूप से दरों में भारी कमी दर्ज है। श्री देवांगन ने बताया कि शिकायत की प्रति संयुक्त संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय दुर्ग को भी भेजी गई है ताकि उच्च स्तरीय जांच हो सके।
“जनता के राजस्व से खिलवाड़” — दीपक देवांगन
नगर पालिका परिषद के नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन ने आरोप लगाया कि यह खुली लूट और जनहित से खिलवाड़ है। नगर पालिका की संपत्ति को औने-पौने दामों में बेचने का षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने कहा कि यदि शासन-प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो वे जन आंदोलन खड़ा करेंगे।
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