श्रेयांश सिंह:खैरागढ़
बहुचर्चित करेला जुगुल तालाब हत्या कांड में खैरागढ़ न्यायालय ने आरोपी डुमेश यादव (25 वर्ष) को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश कु. मोहनी कंवर की अदालत ने सोमवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) एवं 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत दोषी ठहराया। इसके साथ ही आरोपी को अतिरिक्त पांच वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 का अर्थदंड भी लगाया गया।
अपर लोक अभियोजक श्री ज्ञानदास बंजारे ने अदालत में पुख्ता साक्ष्य और ठोस तर्क प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया।
अभियोजन के अनुसार, यह घटना 20 फरवरी 2023 की रात ग्राम करेला के जुगुल तालाब क्षेत्र में घटी थी। आरोपी डुमेश यादव ने मजदूरी और भवानी मंदिर पार्किंग विवाद को लेकर अपने ही गांव के युवक योगेश यादव की कुल्हाड़ी से बेरहमी से हत्या कर दी थी। घटना के बाद उसने शव को तालाब में फेंक दिया और साक्ष्य मिटाने की कोशिश की।
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी और खून लगे कपड़े जब्त किए थे। फॉरेंसिक रिपोर्ट में आरोपी के कपड़ों और मृतक के खून का ग्रुप “O” समान पाया गया, जिससे उसकी संलिप्तता सिद्ध हुई।
अदालत ने माना कि प्रत्यक्षदर्शी भले न हों, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य इतने मजबूत हैं कि अपराध संदेह से परे साबित होता है। बचाव पक्ष की यह दलील कि मृतक सीढ़ी से गिरा था, मेडिकल रिपोर्ट में अस्वीकार कर दी गई।
न्यायालय ने कहा कि यह अपराध गंभीर और समाज के लिए घातक है, परंतु यह ‘विरल से विरलतम’ श्रेणी का नहीं है, इसलिए मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास उपयुक्त दंड होगा।
साथ ही न्यायालय ने मृतक योगेश यादव की पत्नी और बच्चों को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना (धारा 357-A, दं.प्र.सं.) के तहत राज्य सरकार से मुआवजा दिलाने के निर्देश भी दिए। अदालत ने टिप्पणी की कि हत्या जैसे जघन्य अपराधों में नरमी की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि ऐसे मामलों में समाज का न्याय व्यवस्था पर विश्वास बनाए रखना आवश्यक है।
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